अंतिम अद्यतन: 27 दिसंबर 2023
- इन कुओं को दिल्ली सरकार द्वारा स्वयं ही डिज़ाइन किया गया है, जिसका नेतृत्व सत्येन्द्र जैन ने किया है
- एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह निर्धारित किया जाएगा कि आधुनिक तकनीक के उपयोग से अधिक जल संवर्धन हो सकता है या नहीं
- दिल्ली सरकार ने अक्टूबर 2021 में 30 आधुनिक निष्कर्षण कुओं का निर्माण किया
- सोनिया विहार जल उपचार संयंत्र के परिसर में निर्मित
नतीजा : पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद सरकार अब 150 एकड़ में फैले इसी परिसर में 70 और ऐसे कुएं बनाएगी

- उच्च क्षमता : ये "आधुनिक निष्कर्षण कुएं" सामान्य कुओं की तुलना में 6-8 गुना अधिक पानी प्रदान कर सकते हैं। प्रत्येक कुएं की क्षमता प्रतिदिन 1.2-1.6 मिलियन गैलन पानी (एमजीडी) आपूर्ति करने की है।
- साधारण कुओं से बड़े : साधारण कुओं का व्यास 0.3 मीटर होता है जबकि इन नये कुओं का व्यास 1-1.5 मीटर और गहराई 30 मीटर होती है।
- किसी डब्ल्यूटीपी की आवश्यकता नहीं : आधुनिक कुओं को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि पानी परिसर के भीतर ही शुद्ध हो जाता है और किसी अतिरिक्त जल उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।
- भूजल स्तर पर कोई असर नहीं : बरसात के मौसम में भूजल अपने आप भर जाएगा, इसलिए कुएं से पानी निकालने से भूजल स्तर पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
सन्दर्भ :