अंतिम अपडेट: 11 अगस्त 2024
न्यायिक सुधारों की आवश्यकता : देश भर में लंबित मामलों, न्यायाधीशों और अदालतों की संख्या काफी अधिक है, जिसके कारण मामलों के समाधान में अनावश्यक देरी हो रही है - देश भर में लगभग 5 करोड़ मामले लंबित हैं [1]
दिल्ली न्याय विभाग के लिए बजट में 4 गुना वृद्धि ₹760 करोड़ (2015-16) से ₹3,098 करोड़ (2023-24) [1:1]
न्यायालय कक्षों की संख्या 50% बढ़कर 512 (2015-16) से 749 (2023-24) हो गई तथा न्यायाधीशों की संख्या 526 (2015-16) से बढ़कर 840 (2023-24) हो गई
2024-25 में अतिरिक्त 200 कोर्ट रूम और 450+ वकील चैंबर बनाए जा रहे हैं [2]
पहले से ही कार्यात्मक [3]
कार्य प्रगति पर है [3:1]
दिल्ली की जिला अदालतों में कोर्ट रूम की कमी को दूर करने के लिए सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है
नई परियोजनाएं [5]
दिल्ली पहला राज्य बनने की राह पर है जहां सभी जिला अदालतें जल्द ही हाइब्रिड मोड में काम करेंगी [3:2]
डीएसएलएसए के माध्यम से मुफ्त कानूनी सेवाएं प्राप्त करने वाले लोगों की संख्या 2016 में 33,000 से 4 गुना बढ़कर 2023 में 1,25,000 हो गई है
संदर्भ:
https://delhiplanning.delhi.gov.in/sites/default/files/Planning/budget_highlights_2024-25_english_0.pdf ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎
https://www.new Indianexpress.com/cities/delhi/2024/Jan/17/delhi-govt-approves-rs-1098-crore-for-building-3-new-court-complexes ↩︎
https://www.thestatesman.com/india/kejriwal-govt-committed-to-improving-judicial-infrastructure-of-delhi-atishi-1503315993.html ↩︎ ↩︎ ↩︎
https://www.theweek.in/wire-updates/national/2024/07/02/des34-dl-court-ld-complexes.html ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎
https://www.tribuneindia.com/news/delhi/govt-to-build-new-courts-complex-at-rouse-avenue/ ↩︎