अंतिम अपडेट: 01 मार्च 2024
दिल्ली एमसीडी मलबा (निर्माण और विध्वंस अपशिष्ट) के संग्रह के लिए 100 निर्दिष्ट स्थल स्थापित कर रही है [1]
फिर मलबे को दिल्ली के सी एंड डी संयंत्रों में ईंटों और टाइलों को बनाने के लिए पुनर्चक्रित किया जाता है [2]
4 फ़रवरी 2024 [1:1] :
-- 35 संग्रहण केंद्र पहले ही स्थापित किए जा चुके हैं
-- 49 अन्य स्थानों की भी पहचान की गई है
निर्माण गतिविधियों में PM10 का 21% और PM2.5 का 8% हिस्सा होता है, जिससे वे क्रमशः वायु प्रदूषण के दूसरे और चौथे सबसे बड़े स्रोत बन जाते हैं
ठेकेदारों पर कड़ी निगरानी [2:1]
इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मलबा लैंडफिल साइटों पर न भेजा जाए, अर्थात लैंडफिल को कम करना और साफ़ करना
मालबा संग्रहण बिंदु
पायलट कार्यक्रम : पश्चिमी क्षेत्र में 3 समर्पित संग्रहण स्थलों के साथ किया गया; जिसके परिणामस्वरूप अवैध मालबा डंपिंग में 46% की कमी आई
धूल नियंत्रण [1:4]
जन जागरूकता [1:5]
सड़क किनारे, जल नालियों और अन्य निषिद्ध क्षेत्रों में अनाधिकृत निपटान करने वाले ट्रांसपोर्टरों और नागरिकों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा
संदर्भ :
https://www.indiatoday.in/cities/delhi/story/delhi-civic-body-to-set-up-100-designated-sites-to-collect-structure-waste-air-pollution-control-2497281-2024-02-04 ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎
https://www.millenniumpost.in/delhi/some-agcies-mixing-cd-waste-to-aid-garbage-weight-dumping-at-landfill-mayor-552050 ↩︎ ↩︎