अंतिम अपडेट: 03 अगस्त 2024
मुद्दा : एनडीपीएस (ड्रग्स) मामलों में अदालती मामलों में देरी और सरकारी गवाहों की भी गैर-हाजिरी
पंजाब: 23 अक्टूबर 2023 तक आरोप तय होने के 2 साल बाद भी 16,149 एनडीपीएस मामले अभी भी विचाराधीन हैं
एनडीपीएस अधिनियम में दोषसिद्धि दर 2018 में 59% से बढ़कर 2023 में 81% तक पहुंच गई है
* एनडीपीएस = नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम
- गवाह के रूप में उपस्थित होने वाला पुलिसकर्मी केवल एक स्थगन की मांग कर सकता है
- संबंधित क्षेत्रों के डीएसपी को यह सुनिश्चित करना होगा कि गवाह अदालतों में पेश हों।
- जो लोग जानबूझकर गवाह के रूप में पेश नहीं होंगे, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जा सकता है। - मादक पदार्थों के मामलों में अनुशासनात्मक कार्यवाही का सामना कर रहे किसी भी पुलिस अधिकारी को नियुक्त नहीं किया जाएगा
- नशीले पदार्थों के मामलों में जांच अधिकारी के रूप में
-- न ही एसएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) - मुकदमों और अन्य पहलुओं की निगरानी के लिए एडीजीपी से नीचे के रैंक के अधिकारी के अधीन एक राज्य स्तरीय निगरानी समिति गठित की गई है।
-- समिति की मासिक बैठक होगी - यदि कोई पुलिसकर्मी मादक पदार्थ के आरोपी व्यक्तियों को शरण देता या उनकी सहायता करता पाया गया तो उसे बर्खास्त कर दिया जाएगा तथा उन्हें शरण देने वाले अधिकारियों को भी ऐसी ही सजा दी जाएगी।
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