शेवटचे अपडेट: 13 ऑगस्ट 2024
पंजाबमधील १८ इथेनॉल वनस्पतींना मक्यासाठी वार्षिक ३५ लाख टनांची प्रचंड मागणी आहे [१]
-- पंजाबचे सरासरी मका उत्पादन फक्त ५ लाख टन आहे
-- 100 किलो मका 35-42 लिटर बायो-इथेनॉल तयार करतो, जे पेट्रोलमध्ये मिसळले जाते [२]
लक्ष्य 2024-25 : पंजाबने विक्रमी 2 लाख हेक्टरवर खरीप मक्याची लागवड करण्याचे उद्दिष्ट ठेवले आहे, गेल्या वर्षीच्या 0.97 लाख हेक्टरच्या तुलनेत जवळपास 205% आहे [३]
लागवडीखालील अस्वच्छ क्षेत्र [४]
वर्ष | पंजाबमधील मक्याखालील क्षेत्र (लाख हेक्टरमध्ये) |
---|---|
२०२३-२४ [३:२] | ०.९७ |
२०२२-२३ | १.०६ |
2021-22 | १.०५ |
2020-21 | १.०९ |
2019-20 | १.०७ |
2018-19 | १.०९ |
2017-18 | १.१५ |
2016-17 | १.१६ |
2015-16 | १.२७ |
2014-15 | १.२६ |
संदर्भ :
https://www.hindustantimes.com/cities/chandigarh-news/punjab-agri-dept-to-boost-kharif-maize-cultivation-for-biofuel-needs-101708283428717.html ↩︎ ↩︎ ↩︎
https://www.tribuneindia.com/news/ludhiana/sowing-maize-as-paddy-replacement/ ↩︎
https://indianexpress.com/article/explained/explained-economics/punjab-maize-area-plateau-8700210/ ↩︎
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