अंतिम अपडेट: 28 दिसंबर 2024
भारत से होने वाले वार्षिक बासमती चावल निर्यात में पंजाब का योगदान 35-40% (लगभग 4 मिलियन टन, मूल्य 36,000 करोड़ रुपये) है।
प्रभाव: 2024 सीज़न
-- पिछले 2 वर्षों में पंजाब में बासमती का रकबा ~35.5% बढ़कर 6.80 लाख हेक्टेयर हो गया [1]
प्रभाव: 2023 सीज़न
-- पंजाब में बासमती की बुआई का क्षेत्रफल ~21% बढ़कर ~6 लाख हेक्टेयर हो गया [2]
-- राज्य भर में औसत खरीद मूल्य 2022 की तुलना में लगभग 1000 रुपये अधिक है
- 10 कीटनाशकों के उपयोग पर प्रतिबंध से वैश्विक खाद्य सुरक्षा मानदंडों के अनुसार न्यूनतम अवशेष सीमा सुनिश्चित हुई अर्थात निर्यात गुणवत्ता ==> उच्च मांग
केंद्र सरकार न्यूनतम निर्यात मूल्य सीमा निर्धारित करके खेल बिगाड़ रही है [3]
-- 27 अगस्त 2023 को इसे 1,200 डॉलर प्रति टन निर्धारित किया गया तथा विरोध प्रदर्शनों के बाद इसे घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया गया
- यानी पंजाब के निर्यातक मध्य पूर्व में अपने ग्राहक आधार को पाकिस्तान के हाथों खो रहे हैं, जो 750 डॉलर प्रति टन की कम कीमत की पेशकश कर रहा है।
-- इसे सितंबर 2024 में हटा दिया गया [4]
बासमती चावल की फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने और पराली जलाने के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए:
1. बासमती की ओर किसानों का हाथ थामना
2. निर्यात क्षमता को बढ़ावा देना [5]
क. महत्वपूर्ण कीटनाशकों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना
ख. बासमती के लिए जैविक खेती [6]
3. बासमती विस्तार-अनुसंधान केंद्र [1:1]
वर्ष | बासमती क्षेत्र |
---|---|
2024-25 | 6.80 लाख हेक्टेयर [1:2] |
2023-24 | 5.96 लाख हेक्टेयर [1:3] |
2022-23 [7:1] | 4.94 लाख हेक्टेयर |
2021-22 [7:2] | 4.85 लाख हेक्टेयर |
गैर-बासमती धान | बासमती धान | |
---|---|---|
एमएसपी का भुगतान | हाँ | नहीं |
फसल उपज | अधिक | कम |
पानी की आवश्यकता | विशाल (4,000 लीटर प्रति किलोग्राम) | कम (अधिकांशतः वर्षा जल पर निर्भर) |
निर्यात क्षमता | कोई नहीं | विशाल |
खूंटी | अधिक | कम |
पशुओं के चारे के रूप में पराली का उपयोग * | नहीं | हाँ |
अर्थशास्त्र [8:1]
- धान के एमएसपी के अनुसार उपज के आधार पर धान 57,680 रुपये से 74,160 रुपये प्रति एकड़ तक बेचा जा सकता है
- कम पैदावार के बावजूद बासमती को 64,000 से 1 लाख रुपये प्रति एकड़ के भाव पर बेचा जा सकता है और बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिल सकती है।
सभी कारक सुगंधित बासमती चावल की फसल के पक्ष में हैं, लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव और एमएसपी का अभाव किसानों द्वारा बड़े पैमाने पर इसे अपनाने में बड़ी बाधा है
संदर्भ :
https://www.babushahi.com/full-news.php?id=196857 ↩︎ ↩︎ ↩︎ ↩︎
https://www.tribuneindia.com/news/punjab/basmati-sells-for-record-5-005-qtl-in-bathinda-552193 ↩︎
http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/112436112.cms ↩︎
https://www.cnbctv18.com/india/india-removes-basmati-rice-minimum-export-price-extends-duty-free-yellow-pea-imports-19476089.htm ↩︎
https://www.hindustantimes.com/cities/chandigarh-news/pilot-project-to-cultivate-residue-free-basmati-in-amritsar-minister-101694977132145.html ↩︎
https://इकोनॉमिकटाइम्स.इंडियाटाइम्स.com/news/economy/agriculture /punjab-targets-to-bring-20-pc-more-area-under-basmati/articleshow/101432079.cms ↩︎ ↩︎ ↩︎
https:// Indianexpress.com/article/explained/the-case-for-basmati-as-a-paddy-replacement-in-punjab-de बावजूद-no-msp-and-lower-yield-8383858/ ↩︎ ↩︎
https://www.tribuneindia.com/news/punjab/eyeing-good-returns-farmers-of-muktsar-bet-big-on-basmati/ ↩︎